HeatWave in India 50 डिग्री हिमाचल पहाड़ों में हिमाचल 44 डिग्री और हिमाचल में गर्मी की वजह स जवान शहीद हो गया। जवान शहीद हो गया राजधानी दिल्ली में कितना हुआ सोचिए टेंपरेचर 49.9 पहुंच गया है 50 डिग्री का टॉर्चर है इस वक्त उत्तर प्रदेश सोमवार को भीषण गर्मी की वजह से राज्य में 10 लोगों की जान चली गई 10 लोगों की। झांसी में 125 साल बाद 1248 डिग्री पर।
HeatWave आजकल गर्मी ने सभी के होश उड़ा रखे है।
शायद ही कोई घर या दफ्तर हो जहां ऐसी ना हो, लेकिन एयर कंडीशनर के नुकसान भी बहुत है। यह अंदर जितना ठंडा करते हैं उससे कहीं ज्यादा बाहर गर्मी बढ़ा देते हैं ग्लोबल रोमिंग में एक से निकलने वाली गैसों काबड़ा कंट्री। रिसर्च कहती है कि 2050 तक दुनिया भर में और कंडीशनरों की संख्या तीन गुना हो जाएगी अब अगर एयर कंडीशनर घाटे का सौदा है तो बिल्डिंग को ठंडा रखने के और क्या तरीका हो सकते हैं।
जब हमारे पास बिजली के पंखे कूलर और एयर कंडीशनर नहीं थे तब भी तो इमारतें ठंडी रखी जाती थी लेकिन तब इमारतें इस ढंग से डिजाइन की जाती थी कि उन्हें वेंटिलेशन की पूरी सुविधा होती थी। यानी हवा आने-जाने को ध्यान में रखकर ही बिल्डिंग को बनाया जाता था अमेरिका के सेंट फ्रांसिस्को में कैलिफोर्निया एकेडमी ऑफ़ साइंस की इस बिल्डिंग को देखिए पूरी छत पर हरियाली है जो बिल्डिंग के टेंपरेचर को कंट्रोल रखने में मदद करती है छत पर खिड़कियां खुली है जहां से ठंडी हवा अंदर तक जाती है।
HeatWave के दिनों में भी यहां बिना एसी के गुजर हो जाता है इमारत को इसी तरह डिजाइन करने पर अब आर्किटेक्ट और इंजीनियर काम कर रहे हैं लेकिन ऐसे तरीके घरों स्कूलों और छोटे दफ्तरों में तो काम करेंगे लेकिन जिन बिल्डिंग को में ज्यादा मशीन होगी वहां यह पूरी तरह कारगर नहीं है।
जैसे अस्पताल में मरीज और मशीन दोनों को एक ते तापमान चाहिए वहां ऐसी की जरूरत होगी ही फिर भी बिल्डिंग के क्रिएटिव डिजाइन से एयर कंडीशनर का उसे काफी हद तक काम किया जा सकता है वशीकरण यानी इवेपरेशन चीजों को ठंडा रखने का नेचुरल प्रोसेस है,
जैसे गर्मी में शरीर से निकलने वाला पसीना शरीर को ठंडा रखता है ठीक इसी प्रिंसिपल पर अमल करते हुए स्पेन के कई इलाकों में मिट्टी के बड़े-बड़े मैचों में पानी भर कर रखा जाता था जिन्हें बोतिजो कहते थे मिट्टी पानी सूखने के बाद मटका और उसमें रखा पानी या शराब दोनों को ठंडा रखती थी रोम और मिस्र में वशीकरण के इसी सिद्धांत को आर्किटेक्चर में भी अपनाया जाता था।
KK Pathak himself sits in AC office & forces teachers/children to reach school by 5 AM & leave at 1 PM in this heatwave.
— Mr Sinha (Modi's family) (@MrSinha_) May 30, 2024
What kind of revolution will he bring by putting their lives in danger? Can’t he see this?@NitishKumar
#TeachersLivesMatter
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Heatwave अभी आर्किटेक्चर में मैं शराबी अभी एक अच्छी मिसाल है लकड़ी की बारीक जालियों वाली बड़ी-बड़ी खिड़कियों को मसराव्या कहते हैं उनके पास मटको में पानी भर कर रखा जाता है जालियों से छानकर आने वाली हवा ठंडा मटको से टकराती है तो पूरा माहौल ठंडा हो जाता है।
India इसके अलावा घर के खुले हिस्से जैसे सहन में छोटा हॉर्स या फवारा लगा दिया जाए और उसके पानी की फिटिंग इस तरह से की जाए कि ज्यादातर हिस्सों में पानी फैल जाए, जब हवा इस पानी के ऊपर से गुजरेगी तो ठंडी लगेगी मुगलों के दौर की जितनी भी मारते हैं उन सभी में बावली हॉर्स और फव्वारे खूब देखने को मिलते हैं।
सभी का मकसद न सिर्फ पानी संजना था बल्कि इमारत का टेंपरेचर कंट्रोल कर उसे ठंडा रखने भी था अगर इमारत में बड़ा हुआ खोदने जितनी जगह नहीं है तो जमीन के नीचे पाइपलाइन बेचकर उसमें पंप के जरिए अपनी गुजारा जा सकता है।
इस तरीके का इस्तेमाल गर्मी और सर्दी दोनों मौसम में किया जा सकता है उत्तरी चिन्ह के बहुत से शहरों में यह तरीका काफी चलन में है भी ईरान के शहर को विंड कैचर सिटी कहा जाता है।
विंड कैचर मेहराबदार माइनर होती है जो इमारत की छत पर हवा के रुख की ओर होती है इन मिनारो में ब्लड फिट होते हैं जो हवा को गुजर कर पूरी इमारत ठंडा रखते हैं पूरे मध्य एशिया में कई तरह के भिंड कैचर बनाए गए हैं जो की तापमान कम करने में काफी मददगार है। कैचर आमतौर पर बड़ी और ऊंची इमारत में बनाए जाते हैं लेकिन छोटे घरों में भी हवा के रुख की तरफ बड़ी खिड़कियां बनाई जा सकती हैं शहरों में ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने पर भी जोड़ दिया जा रहा है अमेरिका के कोलंबिया में तो प्रशासन की ओर से पूरे शहर में ग्रीन कॉरिडोर जल मार्ग बनाए जा रहे हैं।
प्रशासन की इस कोशिश से तापमान को 2 डिग्री सेल्सियस तक काम करने में मदद मिली है एनवायरमेंटलिस्ट कहते हैं कि ग्रीन कॉरिडोर बनाकर तापमान 5 डिग्री तक काम किया जा सकता है एक का इस्तेमाल माहौल ठंडा रखने के लिए किया जाता है लेकिन असल में इसकी ठंडक हमें भट्टी में झोंक रही है अगर एक का इस्तेमाल ऐसे ही जारी रहा तो वह दिन दूर नहीं जब गर्मी के आलम में एयर कंडीशनर भी दम तोड़ देगा।
heatwave india गर्मी का आलम देखिए
जमीन पर अगर कुछ खाने का सामान रख दिया जाए तो वह पक जाता है ऐसा वाक्य राजस्थान के जैसलमेर से सामने आया जहां बीएसएफ के जवाब रेट पर पापड़ से और आमलेट बनाते नजर आए वीडियो में देखा जा सकता है कि बीएसएफ का एक जवाब गाड़ी के बोनट पर पापड़ सेक रहा है वहीं कुछ और जवान रेट में पापड़ को रखकर सीख रहे हैं इस बार करनी जानलेवा बनकर आई है
जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात एक बीएसएफ जवान की हीट स्ट्रोक की चपेट पानी से मौत हो गई इन जवानों का कहना है की रेट इस तरह से आपकी भट्टी बन जाती है कि कई बार रेट पर चलते-चलते जूते के सोल पिघल जाते हैं राजस्थान में जैसलमेर से जयपुर तक यही हाल है राजस्थान में पिछले एक हफ्ते के दौरान 35 लोगों की मौत हो चुकी है।
राजस्थान के 20 जिलों में मंगलवार को लूकर रेड अलर्ट है मौसम विभाग ने जयपुर समेत पांच जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है पिछले 24 घंटे में राजस्थान के अधिकतर भागों में हिट हुए और सीवर हीट वेव दर्ज की गई है सर्वाधिक अधिकतम तापमान एक बार फिर से फलोदी और बाड़मेर में रिकॉर्ड हुए हैं सबसे ज्यादा बाड़मेर में देखें तो 49.3 सीवर हीट वेव का दौर अब राजस्थान में अगले एक-दो दिन और ही जारी रहेगा।
इतने समय रहते हम सभी को गर्मी से लड़ने के लिए ट्रेडिशनल तरीकों पर अमल शुरू कर देना चाहिए।